जूट नवनिर्माण बोर्ड में बड़ा भ्रष्टाचार, केंद्र के पैसे से पर्सनल टूर करते रहे अधिकारी,

पांच मिनट की मीटिंग के लिए हफ्ते भर बुक रहा पांच सितारा होटल

कोलकाता, 2 जुलाई (हि.स.)। पिछले कई दशकों से वित्तीय संकट और विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे राष्ट्रीय जूट विनिर्माण निगम लिमिटेड व नेहरू युवा केंद्र में भारी अनियमितता सामने आई है। आरोप है कि इसके अधिकारियों ने मीटिंग के नाम पर कई दिनों तक व्यक्तिगत टूर किए। उत्तराखंड और देश के कई अन्य राज्यों में घूमते रहे। दिल्ली में 5-10 मिनट की मीटिंग के लिए एक हफ्ते के लिए पांच सितारा होटल के कमरे बुक किए गए और पानी की तरह लाखों रुपये बहाए गए।
इस संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील राय ने आरटीआई लगाई थी। हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में वह बताते हैं कि आरटीआई के बाद इस बारे में जानकारी मिली थी। सुनील कहते हैं कि उन्होंने इस बारे में केंद्रीय सतर्कता आयोग को लिखित शिकायत की है जिसके बाद जांच शुरू हुई है। मूल रूप से इसका आरोप नेहरू युवा केंद्र और जूट विनिर्माण निगम लिमिटेड की स्वतंत्र निदेशक और ऑडिट कमिटी के चेयरमैन माधवी अग्रवाल पर लगे हैं।
दावा है कि उन्हीं के हस्ताक्षर के साथ सारे रुपये खर्च किए गए हैं। सुनील राय कहते हैं कि माधवी समेत अन्य अधिकारियों के व्यक्तिगत हवाई सफर, होटल में ठहरने का खर्च, वाहन का खर्च और उत्तराखंड और अन्य राज्यों में घूमने का खर्च भी बोर्ड के ही खाते में डाला गया है जो भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय निगरानी आयोग के पास शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जांच शुरू हुई है।
निगरानी आयोग का एक पत्र भी हिन्दुस्थान समाचार के पास है जिसमें इस मामले का संज्ञान लेकर जांच शुरू करने की जानकारी दी गई है।
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प्रधानमंत्री से बात कर लीजिए
– इस संबंध में भाजपा नेत्री माधवी अग्रवाल से भी बात की गई। हालांकि उन्होंने इस बारे में साफ तौर पर कुछ भी बताने से इनकार किया। इस बारे में जब उनसे पूछा गया कि आप पर लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है और व्यक्तिगत दौरे के लिए आपने केंद्रीय धन का दुरुपयोग किया है या नहीं? तब उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे बहुत कुछ नहीं कहना। आप चाहें तो प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) से पूछ सकते हैं। केंद्रीय निगरानी आयोग के सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद वित्तीय अनियमितता की जांच शुरू की गई है। विभिन्न हवाई सफर, व्यक्तिगत खर्च और बुक किए गए होटल का डिटेल निकाला जा रहा है। खर्च का ऑडिट भी होगा। किस मद में कितने रुपये खर्च किए गए और वह कितना जायज है इसकी जांच के बाद आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
प्रदेश भाजपा सूत्रों ने बताया है कि माधवी अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी योजना बनाई जा रही है। अगर आरोपों में सच्चाई पाई जाती हैं और वह दोषी साबित होती हैं तो निश्चित तौर पर कानून के मुताबिक काम होगा।

उल्लेखनीय है कि औपनिवेशिक भारत में देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे जूट उद्योग बदहाली से जूझ रहे हैं। हुगली नदी के दोनों किनारों पर बसे शहरों में करीब डेढ़ दर्जन जूट उद्योग अभी भी चल रहे हैं। करीब तीन दशक पहले जहां पूरे बंगाल में 54 जूट मीलें चलती थीं और तीन लाख से अधिक परिवारों का भरण पोषण होता था। वहीं अब घटकर करीब 50 से 60 हजार परिवार ही जूट मिलों के भरोसे हैं। अधिकतर मिलो में कच्चे माल की कमी और प्रबंधन के ढुलमुल रवैए की वजह से मजदूरों का हाल बुरा है। ऐसे में जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार आत्मनिर्भर भारत के महत्वकांक्षी सपने को पूरा करने के लिए देशभर में औद्योगिक विकास के लिए कारगर कदम उठा रहे हैं वहीं पश्चिम बंगाल में जुट विनिर्माण निगम लिमिटेड और नेहरू युवा केंद्र जैसे महत्वपूर्ण संस्थाओं के धन का दुरुपयोग सवालों के घेरे में है।

हिन्दुस्थान समाचार 

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