कोलकाता, 16 जून (हि.स.)।
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, अभिनेता और चिकित्सक डॉ. कमलेश्वर मुखर्जी ने साइंस सिटी, कोलकाता के फुलडोम डिजिटल थिएटर में नए प्रारूप वाली फिल्म “वोयाजर: द नेवर-एंडिंग जर्नी” का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के डीडीजी समरेंद्र कुमार और साइंस सिटी के निदेशक प्रभारी प्रमोद ग्रोवर भी मौजूद रहे।
यह फुलडोम फिल्म मानव इतिहास के सबसे आश्चर्यजनक अंतरिक्ष मिशन की रोमांचक कहानी कहती है। 1977 में लॉन्च किए गए, दो अंतरिक्ष यान, वोयाजर 1 और 2 ने अपने सौर मंडल के सबसे दूर के ग्रहों-बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून का पता लगाया। “वॉयेजर: द नेवर-एंडिंग जर्नी” 2डी और 3डी दोनों प्रारूपों में 30 मिनट की एक आश्चर्यजनक दृश्यात्मक फिल्म है। इन अंतरिक्षयानों ने दूरस्थ दुनिया के बारे में हमारे ज्ञान को बहुत समृद्ध किया। अब चार दशक बाद वे इंटरस्टेलर स्पेस एक्सप्लोर कर रहे हैं। फिल्म ने कई नामांकन प्राप्त किए हैं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में “साइंस प्रेजेंटिंग अवार्ड”, “द बेस्ट स्पेशल इफेक्ट डिज़ाइन फिल्म अवार्ड”, “ऑडियंस-चॉइस” पुरस्कार आदि जीते हैं।
इस दौरान समरेंद्र कुमार ने कहा,
“साइंस सिटी का फुलडोम थियेटर उच्च रिजोल्यूशन, फुलडोम डिजिटल 2डी और 3डी सामग्री की स्क्रीनिंग करने में सक्षम है और कम से कम लगभग 30 मिलियन पिक्सल के प्रभावी स्क्रीन रेजोल्यूशन के साथ छह, हाई एंड डिजिटल प्रोजेक्टर का उपयोग करके तारामंडल शो करता है। यह सुविधा एक गहन अनुभव प्रदान करती है और दर्शकों को ऐसा महसूस होता है जैसे उन्हें उन दृश्यों में ले जाया जा रहा है जिन्हें देखा जा रहा है और प्रक्षेपण में वस्तुएं 3डी शो में स्पर्श करने के लिए काफी करीब दिखाई देती हैं।”
1997 में स्थापित, साइंस सिटी में स्पेस थिएटर भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा थी जिसने लगभग ढाई दशक के अपने संचालन के दौरान लगभग 77 लाख आगंतुकों को आकर्षित किया। 2019 में भारत के पहले फुलडोम 2डी और 3डी डिजिटल थिएटर में अपग्रेड होने के बाद, यह कोलकाता के लोगों के बीच और भी लोकप्रिय हो गया है।
प्रमोद ग्रोवर ने कहा, “साइंस सिटी के इस डिजिटल थिएटर में प्रदर्शित फिल्में न केवल दर्शकों को विज्ञान की शानदार विशेषताओं से परिचित कराती हैं बल्कि एक शानदार अनुभव भी प्रदान करती हैं। फिल्म “वॉयेजर: द नेवर-एंडिंग जर्नी” दर्शकों को उल्लासपूर्ण ग्रहों और उनके चंद्रमाओं की रोमांचक यात्रा पर ले जाती है। इस फिल्म के लगभग 5-6 शो प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे के बीच अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली में वर्णन के साथ प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा, फिल्म “ल्यूमिनरीज ऑफ बंगाल”, जिसका हाल ही में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, अमित शाह ने उद्घाटन किया था, को भी दर्शकों के लिए दिन में दो बार दिखाया जाता है।”
उल्लेखनीय है कि साइंस सिटी भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के अधीनस्थ है और इसमें सरकारी पहल पर कई सारे ऐसे ही इनोवेटिव कार्यक्रम होते रहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश