सीवान (29 दिसंबर ) : भारत सरकार द्वारा पिछले दिनों रद्द किए गए तीनों कृषि कानूनों की वापसी, किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुनिश्चित करने एवं किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ आगामी 11 जनवरी को देशभर के प्रखंड एवं अनुमंडल मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन एवं राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगा।
उक्त जानकारी भारतीय किसान संघ की बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने दी। प्रेस विज्ञप्ति में मनोज कुमार सिंह ने कहा कि 1 वर्षों तक चलने वाला किसान आंदोलन समाप्त हो गया और किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है, केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्ष कृषि में सुधार हेतु 3 कानून लाया गया जिससे किसानों को काफी उम्मीदें थी लेकिन ना जाने यह किस भ्रम में पड़कर और दबाव में आकर सरकार ने तीनों की कृषि कानूनों को रद्द कर दिया। केंद्र सरकार के इस कदम से देशभर के किसान अचंभित हैं। इधर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी गरांटी नहीं दी गई। जिससे विवस होकर भारतीय किसान संघ ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में 1 जनवरी से 10 जनवरी तक भारतीय किसान संघ गांवों में किसान जागरण करेगा और 11 जनवरी को अपने-अपने प्रखंड मुख्यालयों पर धरना और प्रदर्शन का राष्ट्रपति के नाम लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने न्यूनतम समर्थन मूल्य की क्रांति देने और रद्द तीनों की कृषि कानूनों को सुधार के साथ वापसी की मांग करेगा।
मीडिया प्रभारी ने कहां कि प्रशासनिक उपेक्षाओं के कारण किसानों को आज भी अपने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्राप्त नहीं हो रहा है अगर यही रवैया सरकार के स्तर पर भी बना रहा तो किसान किसानी छोड़कर पलायन को मजबूर हैं। जिससे आने वाले समय में देश के सामने गंभीर खाधान्न संकट उत्पन्न हो सकता है। एक और रसायनों के प्रयोग से किसानों की उपज का लागत बढ़ रहा है और दूसरी ओर किसान अपने उत्पादों का औने पौने दामों में बेचने को विवस है।
( ✍️ शंखनाद मीडिया, सीवान )