हाई कोर्ट का आदेश : इस बार भी दुर्गा पूजा पंडाल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे दर्शक, बाहर से करना होगा दर्शन
कोलकाता, 01 अक्टूबर (हि.स.)। देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बीच 10 अक्टूबर से शुरू हो रही बंगाल की सुप्रसिद्ध दुर्गा पूजा के दौरान इस साल भी दर्शक पंडाल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया है। मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया कि पिछली बार की तरह इस बार भी पूजा पंडालों को दर्शक शून्य रखा जाएगा ताकि महामारी का संक्रमण ना फैल सके। जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा के जरिए जवाब मांगा था जिसमें सरकार की ओर से भी यही बात कही गई थी। राज्य सरकार ने अपने हलफनामा में स्पष्ट किया था कि पिछले साल की तरह इस साल भी मंडप में दर्शकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। पंडाल को इस तरह से बनाया जाएगा ताकि मां दुर्गा और अन्य देवी देवताओं का दर्शन बाहर से ही किया जा सके। मंडप के अधिकतर हिस्से को खुला रखा जाएगा ताकि प्रतिमा देखने अथवा पंडाल को देखने आने वालों की भारी भीड़ एक साथ ना लगे। इसके अलावा शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ पूजा आयोजक मंडली के वालंटियरों को भी तैनात किया जाएगा। बिना मास्क पहने हुए लोगों को पूजा घूमने की अनुमति नहीं रहेगी।
पिछले साल भी इसी तरह का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था। वैसे भी पश्चिम बंगाल सरकार ने एक दिन पहले ही राज्य में लागू लॉकडाउन की पाबंदियों को 30 अक्टूबर तक बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है।