हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा : ममता सरकार नहीं दे रही जमीन, इसलिए भारतमाला परियोजना से बंगाल वंचित
कोलकाता, 30 सितंबर (हि.स.)। भारतमाला परियोजना से पश्चिम बंगाल को बाहर करने संबंधी मामले पर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को बताया है कि ममता बनर्जी की सरकार इस परियोजना के लिए आवश्यक जमीन नहीं दे रही है इसलिए पश्चिम बंगाल को इस परियोजना से वंचित किया गया है।
मोदी सरकार ने देश के सीमावर्ती जिलों को सड़क मार्ग से जोड़ने और सुविधाजनक बनाने के लिए ‘भारतमाला’ परियोजना शुरू की है। इसलिए 2016 में नदिया, मुर्शिदाबाद और मालदा समेत कई जिलों में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। मुर्शिदाबाद निवासी नंदकिशोर मुंद्रा ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। उसी मामले में कोर्ट ने केंद्र से जमीन अधिग्रहण का ब्योरा जानना चाहा था।
गुरुवार को हाईकोर्ट की जस्टिस शुभ्रा घोष की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। केंद्रीय और राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण ने मौखिक रूप से अदालत को सूचित किया कि राज्य में ‘भारत माला’ परियोजना के लिए कोई जमीन नहीं ली जा रही है। इसकी वजह है कि सरकार ने जमीन आवंटन में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इसीलिए राज्य में प्रोजेक्ट पर काम भी बंद है।
कोर्ट ने यह भी पूछा कि राज्य ने ऐसी आधुनिक सड़क परियोजना को क्यों बंद कर दिया? इस पर राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण लिखित में कोई जवाब नहीं दे पाया है।