बंगाल में थम गया चुनाव प्रचार का शोर, 30 सितंबर ममता बनर्जी की किस्मत का फैसला

  • बंगाल में थम गया चुनाव प्रचार का शोर, 30 सितंबर ममता बनर्जी की किस्मत का फैसला     कोलकाता, 27 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में सोमवार को  कोलकाता के भवानीपुर और मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज तथा जंगीपुर में उपचुनाव के लिए प्रचार का शोर भी थम गया है। 30 सितंबर को होने वाली वोटिंग के लिए चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 72 घंटे पहले सोमवार शाम 5:30 बजे प्रचार खत्म हो गया। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण कोलकाता की भवानीपुर सीट है जहां से तृणमूल के उम्मीदवार के तौर पर ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। इसके पहले अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह नंदीग्राम से हार गई थीं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री बनी हैं, इसलिए उन्हें भवानीपुर से जीतना जरूरी है नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन जाएगी। भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल को उम्मीदवार बनाया है जबकि माकपा ने भी अधिवक्ता श्रीजीव विश्वास को मैदान में उतारा है।

तीनों पार्टियों ने जमकर प्रचार किया है लेकिन मुख्य मुकाबला तृणमूल और भाजपा के बीच माना जा रहा है। ममता बनर्जी ने खुद भवानीपुर में जनसभाएं कर लोगों से वोट करने की अपील की है। उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए कहा है कि इस बार अगर वह नहीं जीती तो लोग उन्हें फिर नहीं देख पाएंगे।

इधर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार के पक्ष में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्मृति ईरानी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा प्रचार कर चुके हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, वर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, अर्जुन सिंह और शुभेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेताओं ने उनके पक्ष में घर-घर घूमकर वोट मांगा है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं में टकराव भी हुआ तथा भाजपा सांसद दिलीप घोष और अर्जुन सिंह पर कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमले की कोशिश भी की। उनके साथ बदसलूकी भी की गई है। अब प्रचार का शोर थम गया है और सभी पार्टियां मतदान के इंतजार में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भवानीपुर समेत राज्य की अन्य सीटों पर चुनाव के दौरान राज्य पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था से दूर रखने की मांग की है और केवल केंद्रीय बलों की तैनाती की गुजारिश की है।

चुनाव आयोग आयोग के सूत्रों ने बताया है कि 52 कंपनी केंद्रीय दोनों की तैनाती हुई है जिनमें से अकेले भवानीपुर में 15 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती होगी जबकि 18 कंपनियों को जंगीपुर में और 19 कंपनियों को शमशेरगंज में तैनात किया जाएगा। जंगीपुर में 363 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जबकि शमशेरगंज में 329 मतदान केंद्र हैं। वहीं कोलकाता की बहुचर्चित भवानीपुर में आठ वार्डों में कुल 287 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

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