कुम्हारटोली के मूर्तिकारों के लिए
- मौसम बना ‘खलनायक’
कोलकाता, 23 सितंबर । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक तो कोरोना महामारी की वजह से पूजा सीमित हो गई है। ऊपर से पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश यहां के सबसे बड़े मूर्ति निर्माण केंद्र कुम्हारटोली के लिए खलनायक बनी हुई है। जैसे-तैसे पॉलीथिन से ढक कर मूर्ति बनाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है कि 26 से 29 सितंबर के बीच कोलकाता समेत पूरे राज्य में और भारी बारिश होगी जिसके कारण कुम्हार टोली के कलाकारों की नींद उड़ी हुई है।
पर्थ पाल, पंचानन रुद्र पाल जैसै मूर्तिकार निराशा की स्थिति में बैठे हैं। सबने एक ही बात कही, ” इस संकट मौसम में क्या होगा? 40 मूर्तियां बनाने का काम मिला है। मैं अभी तक तीन मूर्ति बनाने का काम भी शुरू नहीं कर सका। मूर्ति की मिट्टी सूखने से पहले भींग जा रही है। मैं कब तक बचाऊंगा? मुझे नहीं पता क्या करना है। ”
इस बार 11 अक्टूबर से मूर्ति स्थापना शुरू हो जाएगा। सभी मूर्ति बनाने का कार्य 9-10 तारीख तक पूर्ण कर लिए जाने चाहिए। अब केवल 16 दिन बचे हैं । कलाकारों ने कहा कि लगातार हो रही बारिश-खासकर लगातार बारिश के कारण नम मौसम- ‘खलनायक’ है। कलाकार बताते हैं कि एक हफ्ते हो गए लेकिन सूर्य नहीं दिखा है।
कुम्हारटोली में खुले आसमान के नीचे कुछ मूर्तिकार पॉलीथिन से ढके स्टूडियो में भी काम कर रहे हैं। एक कलाकार के स्टूडियो की छत से पानी टपक रहा था। बाल्टी में पानी रोककर जैसे-तैसे काम कर रहे थे।
मशहूर मूर्तिकार चाइना पाल यूनिट के आठ कर्मचारियों के साथ सिर पर हाथ रखे बैठे हैं। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से कहा, “मैं पॉलीथिन नहीं खोल सकता। खोले जाने पर मूर्ति के शरीर की मिट्टी गिर सकती है। मुझे समझ नहीं आता कि मूर्ति कितनी सूखी है। अगर धूप नहीं निकली तो मुश्किल हो जाएगी।”
मिंटू पाल ने कई प्रसिद्ध मूर्तियाँ बनाकर वर्षों में अपना नाम बनाया है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार को बताया, ”कई उद्यमी इस बार पूजा को लेकर संशय में थे। मुझे ऑर्डर देर से मिली। मैं 32 मूर्तियाँ बना रहा हूँ। मूर्ति की मिट्टी सूख नहीं रही है। मैं कर्मियों के एक बड़े समूह के साथ जितना हो सके सूखाने की कोशिश कर रहा हूं। उसके बाद मैं चारकोल रगड़ कर इसे सुखाने की कोशिश करूंगा। ”
ओम प्रकाश