कोलकाता, 03 जुलाई (हि.स.)। कोरोना महामारी के कारण इस बार बंगाल के नदिया जिले के मायापुर में स्थित इस्कॉन मुख्यालय में रथयात्रा उत्सव का बेहद छोटे तौर पर आयोजन किया जाएगा। इस्कॉन मायापुर के प्रमुख (मीडिया संचार) सुब्रत दास ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस साल तीन की जगह एक ही रथ निकाला जाएगा, जिसमें प्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा एक साथ सवार होंगे।
रथ यात्रा के दौरान 50 लोगों की टीम होगी, जो जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की सेवा करेगी और रथ खींचने का काम करेगी। इस बार मायापुर मंदिर परिसर में ही रथ को भ्रमण कराया जाएगा। रथ यात्रा में बाहरी लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, हालांकि श्रद्धालु ऑनलाइन इसके दर्शन कर सकेंगे। गुंडिचा मंदिर, जहां प्रभु जगन्नाथ भाई-बहन के साथ नौ दिन रहते हैं, उसे श्री चंद्रोदय मंदिर हॉल में तैयार किया जा रहा है। गुंडिचा मंदिर में एक साथ 40 लोगों को प्रभु जगन्नाथ के दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाएगी।
इसके लिए उन्हें मुख्य गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। सुब्रत दास ने आगे कहा कि कोरोना महामारी से पहले मायापुर में आयोजित होने वाली रथयात्रा उत्सव में शामिल होने दुनियाभर से डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु आते थे। इन नौ दिनों तक रोजाना 5,000 से ज्यादा लोगों को प्रभु जगन्नाथ का प्रसाद निश्शुल्क खिलाया जाता था और गंगा घाट पर गुंडिचा मंदिर का निर्माण किया जाता था। कोरोना महामारी के कारण इस बार किसी तरह का जोखिम न लेते हुए रथयात्रा का बेहद छोटे पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी छोटे स्तर पर ही रथ यात्रा का आयोजन इस्कॉन की ओर से किया गया था ताकि महामारी की वजह से किसी को परेशानी ना हो।
ओम प्रकाश