कोलकाता, 02 जुलाई (हि.स.)।पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की दो सीटों और विधानसभा की सात सीटों पर चुनाव को लेकर आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव आयोग की ओर से ममता सरकार को पत्र लिखकर इस बारे में राय मांगी गई थी और पूछा गया था कि सरकार इन सीटों पर चुनाव के लिए तैयार है या नहीं? इस पर शुक्रवार को राज्य सरकार ने जवाब दिया है। ममता सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य इन सीटों पर चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। चुनाव आयोग जब चाहे तारीखों की घोषणा कर सकता है।
दरअसल राज्यसभा सांसद मानस भुइयां विधानसभा चुनाव में सभी सीटें जीतकर मंत्री बन गए हैं। इसलिए उनकी सीट खाली है। तृणमूल सांसद दिनेश त्रिवेदी ने इस साल 12 फरवरी को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। तो वह सीट भी खाली हो गई है। आयोग ने राज्य सरकार से राय मांगी कि क्या इन दोनों सीटों पर मतदान करना संभव है?
इसके अलावा राज्य के सात निर्वाचन क्षेत्रों में अलग-अलग परिस्थितियों में चुनाव भी जरूरी हैं। जंगीपुर से आरएसपी उम्मीदवार प्रदीप नंदी और शमशेरगंज में कांग्रेस उम्मीदवार मोंटू विश्वास की कोरोना से मौत हो गई थी। खरदा से तृणमूल के विजयी उम्मीदवार काजल सिन्हा की परिणाम घोषित होने से पहले ही मौत हो गई। दिनहाटा और शांतिपुर से भाजपा के चुनाव चिह्न पर जीतने के बावजूद सांसद निशीथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत के बाद इस्तीफा दे दिया है। नंदीग्राम से चुनाव हार चुकी ममता बनर्जी इसी सीट से दोबारा चुनाव लड़ेंगी। गोसाबा से तृणमूल विधायक जयंत नस्कर का हाल ही में निधन हो गया है। इसलिए पश्चिम बंगाल की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। और दो केंद्रों पर आम चुनाव होंगे।
भवानीपुर उपचुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उम्मीदवार हो सकती हैं। इसलिए उपचुनाव राज्य में सत्तारूढ़ दल के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पांच मई को उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। इसलिए उन्हें पांच नवंबर तक उपचुनाव जीतकर संवैधानिक शर्तों को पूरा करना है।
ओम प्रकाश