कोलकाता, 30 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच कर रही केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने आखिरकार अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी है। एक दिन पहले ही आयोग के सदस्यों पर कोलकाता के जादवपुर में हमला हुआ था। उसके बाद बुधवार को आयोग की ओर से उच्च न्यायालय में इसकी रिपोर्ट जमा करा दी गई है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जिम्मेदारी दी थी। राज्य की ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का विरोध भी किया था। लेकिन, हाईकोर्ट ने आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण मिश्रा ने एक कमेटी का गठन कर दिया था। इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने रिपोर्ट तैयार की।
करीब एक सप्ताह तक मानवाधिकार आयोग की टीम ने पूरे राज्य में घूम घूम कर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की थी और उनका बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार की गई है। दावा है कि इसमें बंगाल में चुनाव बाद व्यापक हिंसा का जिक्र किया गया है और यह भी बताया गया है कि सारी घटनाएं पूर्व नियोजित थी। माना जा रहा है कि इससे ममता सरकार की मुश्किल बढ़ सकती हैं।