कोलकाता, 27 फरवरी: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। 294 सीटों वाले इस राज्य में चुनाव आयोग ने आठ चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है। इसमें से राजधानी कोलकाता का उत्तरी हिस्सा बहुत खास है। 29 अप्रैल को मतदान से गुजरने वाले इस क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी कभी भी अपनी जड़ें नहीं जमा पाई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब राज्य भर में भारतीय जनता पार्टी के वोट परसेंटेज में बढ़ोतरी हुई थी तब भी इस क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस का ही दबदबा था। शायद इसकी वजह यह थी कि यहां से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा जमीन से जुड़े हुए नेता नहीं रहे हैं और केवल मीडिया के कैमरों के सामने और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही उनकी राजनीति सीमित रहती है। कोलकाता उत्तर जिला की 7 विधानसभा सीटों (मानिकतला, श्यामपुकुर, काशीपुर-बेलगछिया, चौरंगी, बेलियाघाटा, जोड़ासांकू एवं इंटाली) पर अंतिम चरण में मतदान होगा। 15,02,076 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
उत्तर कोलकाता जिला की कुल 7 विधानसभा सीटों पर वर्तमान में ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। कुल 7 विधायकों में 4 महिला हैं। ममता बनर्जी की सरकार में इस जिला से एक महिला समेत दो विधायक (डॉ शशि पांजा एवं साधन पांडेय) को मंत्री बनाया गया था।
मानिकतला विधानसभा क्षेत्र से साधन पांडेय विधायक हैं, तो श्यामपुकुर विधानसभा सीट से डॉ शशि पांजा, काशीपुर-बेलगछिया से माला साहा, चौरंगी से नयना बंद्योपाध्याय, जोड़ासांकू विधानसभा क्षेत्र से स्मिता बख्शी, बेलियाघाटा से परेश पाल और एंटाली से स्वर्ण कमल साहा तृणमूल के विधायक हैं।
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में ये सभी लोग तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। उत्तर कोलकाता या कोलकाता उत्तर जिला में कोई आरक्षित सीट नहीं है। न अनुसूचित जाति के लिए, न अनुसूचित जनजाति के लिए।
ममता बनर्जी की सरकार में मानिकतला के विधायक साधन पांडेय को उपभोक्ता मामलों के साथ-साथ स्वयंसहायता समूह एवं स्वरोजगार मंत्री बनाया गया। कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अजित पांजा की पुत्रवधू डॉ शशि पांजा को महिला एवं बाल विकास और सामाजिक विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी। इस बार सरकार गठन का लक्ष्य लेकर भारतीय जनता पार्टी आगे बढ़ रहे हैं लेकिन इस क्षेत्र में क्या कुछ कर पाएगी इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
उल्लेखनीय है कि 295 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों के लिए मतदान कराया जाता है। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 148 है।