पश्चिम बंगाल के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर पिछले सप्ताह बुधवार की रात मुर्शिदाबाद के निमतीता स्टेशन पर बम ब्लास्ट के जरिए की गई हत्या की कोशिश के मामले में जांच कर रही सीआईडी ने बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान शेख नसीम के तौर पर हुई है। युवा उम्र के नसीम का किसी आतंकी संगठन के साथ कोई कनेक्शन है या नहीं, इस बारे में भी सीआईडी की टीम जांच में जुट गई है। सूत्रों ने बताया है कि उसे मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर सामान आदि बेचता था। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि मंत्री पर हमले से कई दिनों पहले से वह पूरे स्टेशन परिसर में लगातार घूम फिर रहा था। स्टेशन के बाहर हॉकर होने की वजह से पूरे परिसर को भलीभांति जानता था। वारदात वाले दिन रेल पुलिस की नजर बचाकर उसने बैग में भरकर रिमोट बम को कैसे स्टेशन पर रख दिया और किसके कहने पर मंत्री के आने पर विस्फोट किया, इस बारे में पूछताछ हो रही है।
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उसके और साथियों के भी शामिल होने का संदेह
– सीआईडी सूत्रों ने दावा किया है कि हमले के इस वारदात में वह अकेले नहीं है और उसके कई अन्य साथी भी हैं जिनके बारे में फिलहाल पूछताछ की जा रही है।
गौर हो कि गत 17 फरवरी को कोलकाता से वापस लौट रहे जाकिर हुसैन रात के समय मुर्शिदाबाद के निमतीता स्टेशन पर उतरे थे। उनके स्वागत के लिए समर्थक और परिवार के सदस्य पहुंचे थे। जैसे ही वह सभी लोगों के साथ आगे बढ़ रहे थे, अचानक एक ब्लास्ट हुआ था जिसकी चपेट में मंत्री समेत 26 लोग आ गए थे। कुछ लोगों के हाथ पैर और शरीर के अन्य अंग उड़ गए हैं। घटना में मंत्री भी जख्मी हुए हैं और मुर्शिदाबाद से लाकर कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उनका लगातार इलाज चल रहा है। विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी चपेट में आने वाले एक व्यक्ति के पैर का अंगूठा उड़कर 100 मीटर दूर स्टेशन परिसर की छत पर चला गया था। जांच में पता चला था कि विस्फोट के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया था। जाहिर सी बात है नसीम और उसके साथी आईईडी बम बनाने में माहिर हैं और निश्चित तौर पर इनके संबंध आतंकी अथवा उग्रवादी संगठनों से हो सकते हैं। फिलहाल सीआईडी अधिकारियों ने इस पर बहुत कुछ नहीं बताया है। जांच अधिकारियों का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।