कोलकाता, 12 फरवरी (हि.स.)। गुरुवार को सचिवालय घेराव करने निकले माकपा-कांग्रेस के युवा और छात्र कर्मियों पर बर्बर तरीके से पुलिस लाठी चार्ज के खिलाफ शुक्रवार को आहूत 12 घंटे के बंद का सुबह से ही व्यापक असर देखने को मिल रहा है। राजधानी कोलकाता के साथ-साथ हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में माकपा कांग्रेस कर्मियों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अधिकतर क्षेत्रों में गाड़ियों की आवाजाही बंद हैं। दुकानें, बाजार बंद नजर आ रहे हैं। स्ट्राइक को विफल करने के लिए देर रात से ही महत्वपूर्ण रास्तों के चौराहों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई थी लेकिन सुबह होते ही बड़ी संख्या में माकपा कांग्रेस कर्मियों ने रैलियां निकाली और सड़कें जाम कर दीं जिसकी वजह से यातायात बंद हो गया है। राजधानी कोलकाता में इक्की दुक्की गाड़ियां तो चल रही हैं लेकिन आम दिनों की तुलना में वाहनों की संख्या बहुत कम है। सड़कों पर लोगों की संख्या भी कम है। बंद की वजह से संभावित यातायात जाम के मद्देनजर एयरपोर्ट पर देर रात से ही यात्रियों की भीड़ लग गई है। जिन लोगों की फ्लाइट शाम को है वे भी रात को ही पहुंच गए हैं इस डर से कि पता नहीं वाहन चलें या ना चलें। माकपा और कांग्रेस के अलावा फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्धकी की नवगठित पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट ने भी बंद का समर्थन किया है।
शुक्रवार सुबह 8:00 बजे के करीब जादवपुर में माकपा कर्मियों ने रैली निकाली जिसकी वजह से यातायात बंद करना पड़ा। उधर हावड़ा के डोमजूर और उत्तरपाड़ा में सड़क जाम कर वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने फुटबॉल खेलना शुरू किया है। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
बहू बाजार इलाके में भी बंद समर्थकों ने रैलियां की है। पश्चिम मेदिनीपुर में सुबह से ही सड़क अवरोध कर दिया गया था लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर रास्ते क्लियर करवाएं हैं। कूचबिहार में बंद समर्थकों ने सरकारी बस रोक दी। हालांकि यहां माकपा कांग्रेस कर्मियों के खिलाफ तृणमूल कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर गए थे। बंद समर्थकों ने जिन बसों को रोका था उन्हें पुलिस की मदद से निकाला गया। बारासात-चापाडाली मोड़ पर भी बंद समर्थकों ने बसों को रोक दी। लेकटाउन के कालिंदी मोड़ पर भी बंद समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसकी वजह से सड़कें जाम हो गई हैं।
उल्लेखनीय है कि रोजगार, शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य की मांग पर गुरुवार को वाममोर्चा और कांग्रेस के 10 छात्र और युवा संगठनों ने सचिवालय घेराव अभियान किया था जिन पर व्यापक लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले दागे गए थे और वाटर कैनन का इस्तेमाल हुआ था। मोर्चा ने दावा किया है कि उनके सौ से डेढ़ सौ कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार