कोलकाता, 11 फरवरी । पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को चौथे दौर की परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाने बंगाल पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी घोषणा की है। कूचबिहार जिले में बड़े पैमाने पर रहने वाले राजवंशी समुदाय के सम्मानित शख्सियत दिवंगत ठाकुर पंचानन बर्मा के जन्म स्थान पर एक भव्य स्मारक बनाने का ऐलान करते हुए शाह ने कहा कि अर्धसैनिक बलों में नारायणी सेना के नाम से बटालियन बनाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने पंचानन बर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। शाह की यह घोषणा अहम मानी जा रही है। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटें जीती थी और यहां राजवंशी समुदाय का वर्चस्व है। विधानसभा चुनाव में इस समुदाय को अपने साथ जोड़े रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी हर संभव कोशिश में जुटी हुई है।
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क्यों खास होगी नारायणी बटालियन?
– खास बात यह है कि पंचानन ठाकुर के जन्म स्थान पर मुगलों को नारायणी सेना ने रोका था और यह सेना मूल रूप से राजवंशी समुदाय के लोगों की थी। इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री ने पैरामिलिट्री में नारायणी सेना बटालियन बनाने की घोषणा कर बड़ा दांव खेला है। साथ ही पंचानन बर्मा के नाम पर भव्य स्मारक बनाने की घोषणा भी शाह ने की है। शाह ने कहा कि पूर्वी जोन के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) ट्रेनिंग सेंटर का नाम चीला रॉय के नाम पर रखेंगे। यह नाम भी बहुत खास है। चीला रॉय कूच साम्राज्य के राजा नारा नारायण के छोटे भाई थे। उनकी बहादुरी के चर्चे अमूमन स्थानीय निवासियों में होते हैं। उत्तर बंगाल एवं उससे सटे असम के कुछ जिलों में राजवंशी समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है। ऐसे में शाह की यह घोषणा चुनाव से पहले काफी अहम है।
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ममता भी कर चुकी हैं ऐसी ही घोषणाएं
– इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार में नारायणी, पहाड़ी क्षेत्रों में गोरखा और आदिवासी इलाके के लिए जंगलमहल पुलिस बटालियन बनाने की घोषणा की थी। माना जा रहा है कि शाह की नारायणी बटालियन भी इसी का पलटवार है।