लोक डेस्क, कोलकाता, 29 जनवरी। पश्चिम बंगाल विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के दौरान अभिभाषण नहीं होने को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल पूछा है। शुक्रवार को उन्होंने कई ट्वीट में यह पूछा है कि आखिर विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल के अभिभाषण के संवैधानिक नियमों की अनदेखी क्यों की गई? धनखड़ ने ट्वीट कर ममता बनर्जी द्वारा दिए गए भाषण पर भी सवाल उठाया है। इसके साथ ही कहा है कि संविधान की लिपि अनिवार्य और अपरिहार्य है। अनुच्छेद 176 के अनुसार ‘प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में राज्यपाल विधानसभा को संबोधित करेंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा में ही एकमात्र ऐसा क्यों नहीं हुआ ?
ममता बनर्जी द्वारा दिए गए भाषण का वीडियो ट्वीट करते हुए राज्यपाल ने लिखा है, ” ममता जी का वीडियो को देखकर चिंतित और परेशान हूं। पश्चिम बंगाल पुलिस का अलार्मिंग परिदृश्य! ‘राजनीतिक तटस्थता और राजनीतिक प्रतिबद्धता को कम किया जा रहा है। यह निष्पक्ष चुनाव के लिए सही संकेत नहीं है।”
राज्यपाल ने ट्वीट किया, “अधिकारियों के नाम, प्रशासन और पुलिस को क्यों घसीटा जा रहा है। क्षेत्रीयता का जिक्र विधानसभा में हो रहा है। पहले के चुनावों में पहले से ही कम मानकों के अनुसार उच्च मानकों को स्थापित करने का यह समय है।”
राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल में पीएम किसान योजना लागू नहीं किये जाने पर भी सवाल किया है। राज्यपाल ने पूछा है कि राज्य के 70 लाख किसान 14000 रुपये से वंचित हुए हैं। बंगाल को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह न तो सरकार के लिए अच्छा है और न ही अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।