लोक डेस्क, कोलकाता, 24 जनवरी। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा का विकल्प बनने में जुटी माकपा के केंद्रीय नेता मोहम्मद सलीम ने रविवार को बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अघोषित तौर पर राजनीतिक सहमति बनी हुई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि भतीजे (अभिषेक बनर्जी) को सीबीआई और ईडी से बचाया जा सके। रविवार को मीडिया से मुखातिब मोहम्मद सलीम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय ही यह सहमति बन गई थी। तब ममता बनर्जी दिल्ली गई थीं और प्रधानमंत्री के साथ बैठक कर कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार और भतीजे अभिषेक बनर्जी को सीबीआई-ईडी से बचाने के लिए आपसी सहमति बनाई थी। उसी समय सीटों को लेकर 20-22 पर सहमति बनी थी।
शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विक्टोरिया मेमोरियल में ममता बनर्जी को देखकर जय श्रीराम की नारेबाजी की एक बार फिर उन्होंने आलोचना की। सलीम ने दावा किया कि बंगाल में चुनाव से पहले हिंदू मुसलमानों को लड़ाने के लिए यह नारेबाजी की गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और तृणमूल मिलजुलकर ऐसा कर रहे हैं। दोनों जानते हैं कब कहां क्या करना है ताकि ध्रुवीकरण हो सके। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि जिन लोगों ने खुशी में ममता बनर्जी को देखकर जय श्रीराम के नारे लगाए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के लिए खड़े होने पर नारेबाजी क्यों नहीं की? चुनाव से पहले दंगे की सियासत हो रही है। यहां चुनाव होना है या दंगा होना है कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले भी मोहम्मद सलीम ने मीडिया से मुखातिब होकर जय श्रीराम के नारे बाजी की निंदा की थी और कहा था कि ममता बनर्जी से लाख राजनीतिक विरोध के बावजूद उनका अपमान निंदनीय है।