लोक डेस्क, कोलकाता, 24 जनवरी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित पराक्रम दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में जय श्री राम का नारा लगाए जाने को लेकर ममता बनर्जी की आपत्ति पर भाजपा और सहयोगी संगठन हमलावर हो गए हैं। रविवार को प्रदेश भाजपा के आधिकारिक ट्विटर से पूछा गया है कि ममता बनर्जी इस्लामिक प्रार्थना करती रही हैं, तो उन्हें जय श्रीराम से क्यों समस्या है? बंगाल भाजपा ने ट्वीट किया, “अगर सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल सरकार के किसी आधिकारिक कार्यक्रम में इस्लामिक प्रार्थना कर सकती हैं तो उन्हें जय श्री राम बोलने में दिक्कत क्यों होती है? तुष्टिकरण की वजह से? उन्होंने बंगाल को बदनाम किया। नेताजी की वार्षिकी के मौके पर बनर्जी के आचरण से नेताजी की विरासत का अपमान हुआ है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी पूछा है कि ममता बनर्जी को आखिर जय श्रीराम से ही आपत्ति क्यों रहती है? हिंदुओं से उनके नफरत का यह प्रमाण है।
दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय नेता डॉ सुरेंद्र जैन ने भी ममता बनर्जी के इस आचरण पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि भगवान के नाम जय श्री राम से पहले रावण अपमानित महसूस करता था, अब सेकुलर माफिया। हार का डर इतना हताश कर देता है कि आप देश की आत्मा को भी अपमानित कर देते हैं। ममता जी राम भारत की आत्मा हैं जिनके नाम जप से देश ही नहीं विश्व भी गौरवान्वित होता है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी जयंती पर पराक्रम दिवस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से हुआ था। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा संस्कृति मंत्री पहलाद पटेल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी मौजूद थे। जैसे ही मुख्यमंत्री का नाम संबोधन के लिए पुकारा गया, दर्शक दीर्घा में बैठे कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए जिससे ममता तुनक गईं और नेताजी जयंती पर संबोधन से ही इनकार कर दिया। इसकी चौतरफा आलोचना हो रही है।