लोक डेस्क, कोलकाता, 21 जनवरी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने का लक्ष्य लेकर भारतीय जनता पार्टी आगे बढ़ रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कई अहम सहयोगी जिसमें मंत्री, विधायक और सांसद तक भाजपा में जा चुके हैं। इसकी वजह से ममता के लिए सरकार बचा पाना संभव नहीं दिख रहा। इस बीच विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने ही ईवी आग छेड़ दिया है। केंद्रीय चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में कोलकाता पहुंचे चुनाव आयोग का फुल बेंच गुरुवार को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात कर रहा है। सबसे पहले सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ओर से महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के साथ अरोड़ा से मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में गांव वालों को डराने धमकाने का आरोप बीएसएफ अधिकारियों पर लगाया और दावा किया कि भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए बीएसएफ कर्मी दबाव बना रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ईवीएम और वीवीपैट को लेकर भी चुनाव आयोग से विशेष मांग की है। सुनील अरोड़ा से मुलाकात के बाद बाहर निकले पार्थ चटर्जी ने मीडिया से कहा, “मैंने चुनाव आयोग से कहा है कि ईवीएम और वीवीपैट के संबंध में जब तक राजनीतिक प्रतिनिधि संतुष्ट नहीं हो जाते हैं तब तक मॉक पोलिंग होनी चाहिए।”
हालांकि पार्थ ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पर पूरी तरह से भरोसा है लेकिन कुछ चिंताएं हैं जिसे हमने आयोग के समक्ष व्यक्त किए हैं और जल्द से जल्द इसके समाधान की मांग भी की है।