लोक डेस्क, कोलकाता, 20 जनवरी। तृणमूल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले 12 विधायकों को सत्तारूढ़ पार्टी ने चिट्ठी भेजी है। इसमें उनसे विधायक पद छोड़ने के संबंध में रुख स्पष्ट करने को कहा गया है। पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने यह चिट्ठी भेजी है। बुधवार को सामने आई इस चिट्ठी में विधायक को संबोधित करते हुए पार्थ ने लिखा है, “आपने तृणमूल कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की और अब दूसरी पार्टी में जाकर विभिन्न मीडिया संस्थानों में तृणमूल के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं। नैतिकता के आधार पर अगले सात दिनों के भीतर आपको विधायक पद के संबंध में रुख स्पष्ट करना होगा।”
हालांकि इसका जवाब कूचबिहार से विधायक मिहिर गोस्वामी ने दिया है। गत 27 नवंबर को वह दिल्ली जाकर भाजपा के सदस्य बने थे। उन्होंने कहा है कि पार्थ चटर्जी ने जो चिट्ठी भेजी है उसमें संवैधानिक चिह्न ही नहीं है। इसलिए यह ऑफिशियल चिट्ठी है या नहीं इस बारे में संशय है। इसके अलावा इस चिट्ठी की संवैधानिक वैधता भी सवालों के घेरे में है।
गोस्वामी ने कहा कि दूसरी पार्टियों के 19 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं जो आज तक विधायक बने हुए हैं, जबकि उनकी पार्टियों की ओर से उनका विधायक पद रद्द करने की चिट्ठी विधानसभा अध्यक्ष के पास दी गई है। पहले नैतिकता के आधार पर राज्य सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए।
हालांकि मिहिर गोस्वामी ने कहा कि उन्होंने पार्थ चटर्जी की चिट्ठी का जवाब दे दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी आधिकारिक तौर पर चिट्ठी लिखकर अथवा सार्वजनिक तौर पर अगर विधायक पद छोड़ने की मांग करेंगी तो वह इस्तीफा दे देंगे।