लोक डेस्क, कोलकाता, 20 जनवरी। कोलकाता के भवानीपुर के साथ-साथ पूर्व मेदिनीपुर की ऐतिहासिक नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के ममता बनर्जी के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि ममता यह समझ गई हैं कि इस बार वह भवानीपुर से चुनाव नहीं जीतेंगी, इसीलिए डरकर नंदीग्राम भाग रही हैं।
बुधवार को, घोष ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ममता ने 2007-08 के दौरान भूमि आंदोलन के लिए विख्यात नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के लिए चुना, क्योंकि उन्हें अपने स्वयं के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में नुकसान की आशंका है।
घोष ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के समय भाजपा ममता के निर्वाचन क्षेत्र में मात्र 3,000 से कुछ अधिक वोटों से पीछे चल रही थी, और उन्हें इस बार हार का डर सता रहा है।
घोष की पोस्ट में कोलकाता के मतदाताओं की जनसांख्यिकीय संरचना का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कोलकाता के कुल मतदाताओं का लगभग चार-चौथाई हिस्सा हिंदुओं का है। हालांकि उन्होंने भवानीपुर की जनसांख्यिकीय संरचना के लिए कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन निर्वाचन क्षेत्र को हिंदू बहुल के रूप में जाना जाता है और जहां गैर-बंगाली भाषी (हिंदी, गुजराती, पंजाबी और मारवाड़ी) आबादी मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है।
घोष की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी बंगाल के बाहर से आने वाले नेताओं को बाहरी करार दे रही है जिसकी वजह से गैर बांग्ला भाषी लोगों के बीच रोष पसर रहा है। हाल ही में हुए एक सर्वे में इस बात की जानकारी मिली है कि बंगाल में रहने वाले गैर बंगाली लोगों ने ममता बनर्जी के खिलाफ मतदान का मन बनाया है।