कोलकाता, 19 जनवरी । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम और जंगलमहल क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए ममता ने आदिवासी कार्ड खेला है। आदिवासी नेता पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती पर छुट्टी की घोषणा सीएम ने की है। मंगलवार को पुरुलिया में संबोधित करते हुए सी़एम ने कहा कि 5 मई को पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती पर सरकारी तौर पर छुट्टी रहेगी। दरअसल 5 मई 1905 को पंडित रघुनाथ मुर्मू का जन्म हुआ था। वह संथाली भाषा को लिपिबद्थ करने वाले विद्वान के तौर पर जाने जाते हैं। संथाली भाषा को लिपिबद्ध करने के लिए उन्होंने अल्चिकी लिपि की रचना की थी। आदिवासी समाज में उनकी प्रियता अविवादित है। उनके रचे हुए साहित्य आदिवासियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ममता ने कहा कि ऐसे सम्मानित व्यक्ति को सम्मान जताने के लिए सरकार ने उनकी जयंती पर छुट्टी की घोषणा करने का निर्णय लिया है।

विधानसभा चुनाव से पहले ममता ने खेला आदिवासी कार्ड : रघुनाथ मुर्मू की जयंती पर छुट्टी की घोषणा
इसके पहले मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के बीच भगवान की तरह पूजे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा जयंती पर छुट्टी की घोषणा की थी। इसके अलावा बांग्लादेश से भारत आकर बसे शरणार्थी समुदाय मतुआ लोगों के संस्थापक पिता गुरुचंद व हरिचंद ठाकुर की जयंती पर छुट्टी की घोषणा की है। इसके पहले बर्मा की जयंती पर छुट्टी की घोषणा भी कर चुकी हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए एक के बाद एक महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी की घोषणा सीएम कर रही हैं।