कोलकाता, 19 जनवरी। पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले यहां की महान विभूतियों को अपना बनाने की होड़ में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में प्रतिद्वंदिता मची है। केंद्र सरकार ने आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पराक्रम को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती (23 जनवरी) को “पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा कर दी है। लेकिन ममता बनर्जी को केंद्र सरकार की पहल पसंद नहीं आ रही है। मंगलवार को पुरुलिया जिले में जनसभा को संबोधित करने के बाद जब मीडिया ने उनसे इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार का पराक्रम दिवस अच्छा नहीं लग रहा है। वह पश्चिम बंगाल में नेताजी की जयंती के दिन सुभाष उत्सव के तौर पर देशनायक दिवस मनाएंगी। ममता बनर्जी ने कहा, “यह केंद्र का विषय है।
‘पराक्रम दिवस’ नाम से न ही हम और न ही नेताजी के परिवार खुश हैं। इसे ‘देशनायक दिवस’ या ‘देशप्रेम दिवस’ के रूप में नामित करना बेहतर होता।” उन्होंने कहा कि आप जो चाहें करें, हम 23 जनवरी को दोपहर 12 बजे श्यामबाजार में नेताजी की प्रतिमा के सामने एकत्र होंगे और वहां पदयात्रा निकालेंगे। इससे पहले ममता ने नेताजी के जन्मदिन परराष्ट्रीय अवकाश घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पूरे वर्ष मनाई जाएगी। केंद्र ने पहले ही इस आयोजन की देखरेख के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित कर दी है। इस बार 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में रहेंगे और विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी से संबंधित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश