कोलकाता, 19 जनवरी । पश्चिम बंगाल के बहुप्रतीक्षित विधानसभा का चुनाव इस बार तय समय से करीब एक महीना पहले संपन्न होने जा रहा है। राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी है। आगामी 30 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल आ रहे हैं। वह राजधानी कोलकाता से सटे ठाकुरनगर के उस इलाके में जनसभा करेंगे जहां बांग्लादेश के सबसे अधिक शरणार्थी मतुआ समुदाय के लोग रहते हैं। राज्य के करीब 60 से 70 विधानसभा सीटों पर राजनीतिक प्रभाव रखने वाले इस समुदाय के लिए स्थाई नागरिकता की घोषणा अमित शाह उस दिन कर सकते हैं। इसके अलावा सांगठनिक बैठक के बाद वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधे हमलावर होंगे।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि अमित शाह के इस दौरे के ठीक बाद पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी करने की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी । फरवरी महीने के मध्य में ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा जिसके बाद पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। आयोग की योजना है कि मई महीना शुरू होने से पहले पश्चिम बंगाल में चुनाव संपन्न करा लिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार मई महीने की शुरुआत से ही भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है। मतदाताओं को परेशानी ना हो इसलिए चुनाव थोड़े पहले संपन्न कराए जा रहे हैं। अमूमन राज्य में मई महीने के मध्य तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी होती है लेकिन इस बार इस परंपरा को तोड़ा जाएगा। इसके अलावा राज्य में तेजी से बढ़ती जा रही राजनीतिक हिंसा और लोगों की हत्याओं को देखते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराने का आयोग का फैसला बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर समय से पहले लगाम की कोशिश मानी जा रही है। इसी की पूरी रणनीति बनाने के लिए बुधवार को चुनाव आयोग का फुल बेंच बंगाल आ रहा है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पहले से सतर्क है। राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाली संबंधी अगर कोई भी रिपोर्ट चुनाव आयोग के फुल बेंच की मौजूदगी में सामने आती हो तो इससे ममता सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अध्यक्षता वाली इस टीम में आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद होंगे। इन सभी के साथ प्रदेश सरकार के अफसर भी यहां के हालातों की समीक्षा करेंगे। आयोग की टीम राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर फीडबैक लेगी और कानून व्यवस्था के हालातों की समीक्षा भी करेगी। बुधवार सुबह 10:00 बजे सुनील अरोड़ा अपनी पूरी टीम के साथ बंगाल पहुंच जाएंगे। यहां सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों संग बैठक के बाद वह राज्य सरकार के सभी शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे जहां चुनाव की तैयारियों संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही केंद्रीय उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन बंगाल आए थे जिन्होंने राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जैन ने अपने दौरे के दौरान राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जताई थी।