कृषि कानून नहीं हटाने पर सिंगुर और नंदीग्राम की तरह आंदोलन की ममता ने दी चेतावनी

लोक डेस्क, कोलकाता, 18 जनवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव से पहले आंदोलन की भूमि रहे नंदीग्राम में चौकाने वाला दावा किया है। 2007 में वाम मोर्चा शासन के दौरान हुए आंदोलन में अपने नेतृत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया है कि उस दौरान उनकी हत्या की कोशिश की गई थी। सोमवार को नंदीग्राम में उन्होंने जनसभा की जहां चुन-चुन कर भाजपा पर हमला बोला। इसके अलावा नंदीग्राम आंदोलन के मुख्य सूत्रधार तथा उनके कैबिनेट में पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में जाने को लेकर भी उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम के मामले में वह किसी से भी ज्ञान नहीं लेंगी। नंदीग्राम आंदोलन किसने किया इस बारे में वह जानती हैं। ममता ने कहा कि सूर्योदय के बाद माकपा सरकार ने यहां मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था। मैं यहां बैठकर पहरा दे रही थी। उन्होंने कहा कि तबके बंगाल के राज्यपाल ने मुझे बताया था कि मेरी हत्या की कोशिश हो रही है। विभिन्न जरिए से मुझे रोकने की कोशिश की गई थी। सभी बाधाओं को पार कर मैं नंदीग्राम आई थी। तब मैंने यहां किसी को नहीं देखा था। पेट्रोल बम के जरिए मुझे जलाने की कोशिश की गई थी। सच्चाई यह है कि नंदीग्राम का आंदोलन यहां अबू सुफियान और अबू ताहिर जैसे लोगों ने किया था। यहां की मां बहनों ने आंदोलन किया था।

उल्लेखनीय है कि भाजपा में शामिल होने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम की भूमि पर खड़ा होकर कहा था कि कुछ लोग नंदीग्राम आंदोलन का राजनीतिक लाभ लेते रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि नंदीग्राम आंदोलन किसी ने नहीं बल्कि यहां के लोगों ने किया था। इसी का जवाब ममता ने इशारे इशारे में दिया है।
नंदीग्राम से एक साल पहले 2006 में हुगली जिले के सिंगुर में टाटा नैनो कारखाने के खिलाफ हुए व्यापक आंदोलन का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि नंदीग्राम आंदोलन की शुरुआत सिंगूर से हुई थी। तब मैं रास्ते पर बैठकर अनशन की हूं। बहुत लोग हैं जो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि नंदीग्राम आंदोलन की शुरुआत सिंगूर से हुई थी। मेरे ही आंदोलन की वजह से बाध्य होकर केंद्र सरकार ने कहा था कि किसानों की जमीन जोर-जबर्दस्ती दखल नहीं की जा सकेगी। मेरी वजह से कानून बदला था। इसके बाद ही ममता ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो नंदीग्राम और सिंगूर की तरह आंदोलन करूंगी।

कुछ लोग काला धन बचाने के लिए भाजपा में गए
– इसके अलावा उन्होंने इशारे इशारे में शुभेंदु अधिकारी और उन सभी विधायकों पर हमला बोला जो भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं। ममता ने कहा कि कुछ लोग इधर-उधर हो रहे हैं लेकिन वे भाजपा में अपना काला धन बचाने के लिए गए हैं। क्षेत्र से तृणमूल विधायक अखिल गिरी के बेटे सुप्रकाश गिरी से अधिकारी परिवार की राजनीतिक लड़ाई का दावा करते हुए ममता ने कहा कि उन्हें (शुभेंदु अधिकारी) पहले सुप्रकाश गिरी से लड़ना होगा, उसके बाद तृणमूल कांग्रेस से लड़ें। उन्होंने कहा कि यह लोगों की स्वाधीनता है कि किस पार्टी में रहें और कहां जाएं, उससे तृणमूल को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शुभेंदु अधिकारी को इशारे इशारे में लोभी करार देते हुए ममता ने कहा कि राजनीति में तीन तरह के लोग हैं। एक लोभी होते हैं, एक भोगी होते हैं और एक त्यागी होते हैं। जो त्यागी होते हैं वे किसी पार्टी में नहीं जाते और दूसरे लोग प्रचुर संपत्ति और रुपये बनाते हैं और उसे बचाने के लिए पार्टी छोड़ते हैं। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि या तो जेल में जाओ या भाजपा में आओ। ये लोग अगर तृणमूल में रहेंगे तो भाजपा उन्हें जोर जबरदस्ती जेल में डाल देगी। इसीलिए भाजपा वाशिंग मशीन बन गई है। काला धन उसमें जाता है और सफेद होकर बाहर आता है।
उन्होंने दावा किया कि वह नंदीग्राम के लोगों के साथ हमेशा थीं और रहेंगी। ममता ने कहा कि आंदोलन में मारे गए अबू ताहिर जैसे लोगों का घर मैं जानती हूं कि कहां है। मैंने नंदीग्राम पर कई कविताएं व किताब लिखा है।

नंदीग्राम से हल्दिया तक सड़क बनाने का आश्वासन
– इसके अलावा विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्र के लोगों को अपने पाले में करने के लिए ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से हल्दिया तक बेहतर यातायात के लिए सड़क और ब्रिज बनाने का भी आश्वासन दिया। ममता ने कहा कि हल्दिया यहां का सबसे बड़ा शहर है। नंदीग्राम से हल्दिया तक जाने के लिए मैं सड़क और ब्रिज बनाऊंगी।

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