लोक संवाददाता, कोलकाता, 12 जनवरी। विधानसभा चुनाव से पहले बंगाली भले मानस को लुभाने का जरिया बन चुके बंगाल के मनीषियों के प्रति श्रद्धा समर्पित करने की होड़ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में लगी है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता में बड़ी रैली निकाली तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर कोलकाता में श्याम बाजार मोड़ से शिमला स्ट्रीट स्थित स्वामी जी के पैतृक आवास तक पदयात्रा की है। भाजपा की पदयात्रा में भी लोगों की भारी भीड़ थी। बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता राजधानी कोलकाता के अलावा हावड़ा, हुगली तथा उत्तर और दक्षिण 24 परगना से एकत्रित हुए थे।
स्वामी विवेकानंद की 158वीं जन्मतिथि पर श्याम बाजार से लेकर उनके पैतृक आवास शिमला स्ट्रीट तक भव्य रैली का नेतृत्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाया गया रास्ता ‘‘युवाओं के लिए पथ प्रदर्शित करने वाला प्रकाश है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए और उनके पद चिन्हों पर चलते हुए बेहतर कल की ओर बढ़ना चाहिए।’’ दिलीप घोष ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अध्यात्म के जरिए युवा शक्ति के उत्थान के पक्षधर थे। खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी की इस रैली में पार्टी का कोई भी झंडा, बैनर, पोस्टर आदि नहीं लगाया गया था। इसमें स्वामीजी के पोस्टर, तस्वीरें और गुब्बारे हाथों में लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली में भाग लिया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और राज्य के अन्य नेताओं जैसे राहुल सिन्हा और जयप्रकाश मजूमदार ने भी रैली में हिस्सा लिया। संभावित गड़बड़ी के मद्देनजर भाजपा की रैली में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी।