कोलकाता, 12 जनवरी। विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल की विभूतियों के जरिए राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन में जुटे हैं। मंगलवार दोपहर दक्षिण कोलकाता में गोल पार्क से हजरा मोड़ तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पदयात्रा की जिसमें बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता हाजिर हुए थे। पदयात्रा के बाद सभा को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जिस तरह से गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 3000 करोड़ की विशालकाय मूर्ति बनी है उसी तरह से बंगाल में भी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा बनेगी?
युवा तृणमूल के अध्यक्ष ने कहा, “गुजरात में 3,500 करोड़ रुपये की लागत से सरदार वल्लभभाई पटेल की एक प्रतिमा बनाई गई है। यह अच्छी बात है, मैं विरोध नहीं कर रहा हूं। लेकिन, मेरा सवाल यह है कि 3,000 करोड़ रुपये की लागत से कोलकाता या बंगाल में नेताजी या विवेकानंद की मूर्ति क्यों नहीं होगी? यह सवाल आम लोगों के मन में बार-बार आ रहा है।”
गोल पार्क से शुरू होकर अभिषेक का जुलूस गरियाहाट, त्रिकोणीय पार्क, रास बिहारी जंक्शन से होकर गुजरा और हज़रा जंक्शन पर समाप्त हुआ। वहां एक छोटे से मंच पर खड़े होकर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने 2014 में स्वामीजी की तस्वीर के साथ प्रचार किया था। उसके बाद, बेलूर मठ को कोई सम्मान नहीं दिया गया। वहां खड़े होकर प्रधानमंत्री सीएए का प्रचार कर रहे थे। यह गुजरात नहीं है। बंगाल को धर्मों में विभाजित नहीं किया जा सकता है
अभिषेक ने आगे कहा, “ममता बनर्जी ने महिलाओं को सशक्त बनाने में स्वामी विवेकानंद के उदाहरण का अनुसरण किया है। उन्होंने स्वामीजी की दीक्षा और शिक्षा के साथ मानवीय कार्य किया है। स्वामी जी ने महिला सशक्तिकरण के बारे में कहा था। मुख्यमंत्री ने कन्याश्री, रूपश्री के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण किया है। स्वास्थ्य साथी कार्ड घर के वरिष्ठ गृहिणी के नाम पर दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में उन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी। रैली में उमड़ी भारी भीड़ का आभार जताते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले ही यह रैली प्रस्तावित किया और इतनी भारी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोगों की भीड़ ने उन्हें काफी उत्साहित किया है।